Friday, May 17th, 2024

चित्रकूट विवि के विद्यार्थियों को रास नहीं आई स्कूली मास्टर की पढ़ाई, राज्यपाल से की शिकायत

भोपाल। 

महात्मा गांधी ग्रामोदय चित्रकूट महाविद्यालय के बैचलर आॅफ सोशल वर्क(बीएसडब्ल्यू) के विद्यार्थियों को सरकारी स्कूल के शिक्षक पढ़ा रहे हैं। चिद्यकूट के विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षकों पढ़ाने की शैली रास नहीं आ रही है। उक्त विद्यार्थियों सरोजनी नायडू कन्या स्कूल में हर रविवार को कक्षाएं लगेंगी। इसमें दो शिक्षक सभी सत्र के विद्यार्थियों की कक्षाएं ले रहे हैं। स्कूली शिक्षक उन्हों जो पाठ पढ़ा रहे हैं वे विद्यार्थियों को समझ नहीं आ रहा है। उक्त विद्यार्थी चरमराई पढ़ाई की व्यवस्था से काफी नाराज हैं। इसलिए वे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर प्रशिक्षित मेंटर्स से अध्यापन कराने की मांग कर रहे हैं। प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष में प्रवेशित विद्यार्थी अपनी डिग्री पढ़ाने के स्कूली छोड़ कालेज के शिक्षकों से पढ़ने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। क्योंकि स्कूली शिक्षक कोर्स की संरचना, उद्देश्य और उसके अध्यापन के तरीकों से पूर्णत: अनभिज्ञ हैं। जानकारी के मुताबिक जन अभियान परिषद के तहत मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम शुरू किया गया। इसके तहत बैचलर आॅफ सोशल वर्क(बीएसडब्ल्यू) इसकी पढ़ाई महात्मा गांधी ग्रामोदय चित्रकूट महाविद्यालय के द्वारा कराई जा रही है। पूरे मप्र के सभी जिलों में बीएसडब्ल्यू की कक्षाएं हर रविवार को लगाई जा रही है। हर साल प्रदेश लेवल पर चुने हुए प्रशिक्षित मेंटर्स विद्यार्थियों को पढ़ाते थे, लेकिन इस बार उन्हें हटाकर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से पढ़वाया जा रहा है। 

दो शिक्षक के भरोसे पढ़ाई 

सरोजनी नायडू कन्या स्कूल में सुबह 10:30 से 5 बजे तक कक्षाएं चलाई जा रही है। यहां पर दो शिक्षक 18 विषयों को पढ़ा रहे हैं। एक ही साथ सभी सत्र के विद्यार्थियों के लिए कक्षाएं लगाई जा रही है। अब सवाल ये उठ रहा है कि दो शिक्षक सभी विद्यार्थियों को डेढ दर्जन विषयों को कैसे पढ़ा सकते हैं। हालांकि उच्च शिक्षा विभाग ने चित्रकूट विवि के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए कालेज प्रोफेसर या अतिथि विद्वानों को पढ़ाने का दायित्व दिया है। यहां तक विभाग ने जिलेवार कालेजों की सूची जारी कर दी है। हालांकि इसमें भोपाल जिले को शामिल नहीं किया गया है। इससे विद्यार्थियों की डिग्री पर सवाल खड़े होना शुरू हो गया है। 

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